भाईड़ा भजलो राम गेला गम का भजन लिरिक्‍स bhaida bhaj lo ram gela gam ka



भाईड़ा भजलो राम गेला गम का।

झीणा झीणा जपना जाप ,

सरोदा सुन्‍न का हे वोजी ।।टेर।।


सिंवरू सारद माय बुद्धि दो दाता।

घट सिवरू हिंगलाज उगम की बातां ।।1।।


इला पिंगला सोध खेल सुखमण का ।

कुंभ कलश भर लाय मेट दी संका ।।2।।


तरबीणी तार लगाय तंदूरा तन का ।

वहां नरभे हो जाय मोरणा मन का ।।3।।


सोवनी शिखरगढ़ देख अणगड का।

इला पिंगला सोध खेल सुखमण का ।।4।।


गोरख जपिया जाप और कोई जपणा ।

अन्‍त समय के मांय कोई नहीं अपना हे वोजी ।।5।। 




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जल ज‌इयो जिह्वा पापनी राम के नाम बिना रे JAL JAIYO JIVHA PAPNI RAM KE NAAM BINA RE

राम के नाम बिना रे मूरख  राम के नाम बिना रे, जल ज‌इयो जिह्वा पापनी, राम के नाम बिना रे ।।टेर।। क्षत्रिय आन बिना, विप्र ज्ञाण बिना, भोजन मान ...