मना हंस बणे, मत कागा,
संगत छोड़ दे खोटा की।
भवसागर से तरणो चावे,
बांह पकड़ ले मोटा की ।।टेर।।
पांच पचीस होवे अकेटा,
पाग बन्धावे बेटा की ।
हाकम आय हकीकत पूछे,
अम्बी सूख जाय होठा की ।।1।।
छाने छाने चेला मूंंडे,
जुगत बणावे रोटा की ।
खापरिया गरू खरबेला चेला,
फौज बणगी नकटा की ।।2।।
साधु बणे भगवा बांधे,
माला पेहरे नोटा की ।
जमराज जी के पाने पड़े,
धड़ाधड़ उडेे सोटा की ।।3।।
पदम गरू परवाणी मलग्या,
राय बताई मोटा की।
गुजर गरीबीऊ ''कनीराम'' बोले,
संगत छोड़ दे खोटा की ।।4।।
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