आई आदी की करो आरती,
अणगड ले लो बधाई।।1।।
गुरा परणावो रे,
उरी बुलावो मारी उमा न आवे।
पंडत बुलाई प्रेमा जोइवो,
गुरा परणावो रे ।।टेर।।
लोभ की लुगाई न उबो अभेमानी।
हलमल करे ठगाई गुरा परणावो रे।।2।।
भाई भोजाई मल धूम मचाई।
लापर लाज गमाई गुरा परणावो रे।।3।।
संत नाम शंखणी न काकी कुलजड़ी।
अबे रांडा ने रावळे रूकाई गुरा परणावो रे।।4।।
शील सन्तोष आया कोई देवता।
रटो रटो राम की दवाई गुरा परणावो रे।।5।।
पदम गरू परवाणी मलग्या।
लाडूजी सेण बताई गुरा परणावो रे।।6।।
गुजर गरीबीऊ ‘’कनीराम’’
बोले।
अब सुरता ने फरो दराई गुरा परणावो रे।।7।।
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