मारो मन मैलो धोउंगाेे maro man melo dhoungo haalo bhai ganga



मारो मन मैलो धोउंगाेे, 

हालो भाई गंगा न्‍हावण ने।।टेर।।


धन सिंह राजा मिन्‍दर चुवायो,
अजब बारणा रहवाने।
जाली राख झरोखा राख्‍या,
तीन लोक देखबाने।।1।।

नसी सोध कर मैं धूणी धुकाई,
भंवर गुफा में रहवाने।
घर धर सुर्ता फिरे भटकति,
उण ने घर बैठाबा ने।।2।।

हुक्‍के मांही जल गलावे,
उपर चिलम चढ़ावाने।
ताम्‍बा बरणी चिलमिया,
सन्‍ता ने भर भर पाबाने।।3।।

एक टकाे माली ने दिन्‍हों,
लेग्‍यो भाग दिखाबा ने।
उण माली म्‍हाने दियांं फूलड़ा,
शिव रे मुगट चढ़ाबा ने।।4।।  

एक टका में लिवि मिठाई,
ख्‍वाजा पीर मनाबाने।
गुरु खिंवजी ''माली लिखमो'' बोले,
हालो भाई पुष्‍कर न्‍हावाने।।5।। 

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