सतगुरु भला आया हो
सतसंग की वेला में ।टेर।
सतगुरु आया मेरे मन भाया
ज्ञान गाठ गुरु गम की लाया है।
रिजी का दर्शन पाया हो
संध्या री वेला में ।1।
सुरे गाय का दुध मंगाया
मेरा गुरुजी का चरण खुया है।
अमृत बरसाया हो
संता का मेला में ।2।
खीर खाड़ का भोजन बरणाया
और बरफी मेवा मंगाया है।
पंखा भाव दुलाया हो
भोजन की वेला में ।3।
सतगुरु दाता शब्द सुजाया
अखे मगल का पाठ खुवाया है ।
हरीजी मारा भ्रम मिटाया हो
मन लागो माला में ।4।
शंकर नाथ चरण चीत काया
सत धर्म का पकडीया पाया ।
है सुख सागर नाया हो
गुरु काढियो काला ने ।5।
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