मनवा छोड़ जगत को हेत अपना वचन संभालो जी manva chod jagat ko het apna vachan sambhalo re

 

मनवा छोड़ जगत को हेत

अपना वचन संभालो जी

बचन संभालो रे

अवसर आयो निरालो रे ।टेर।

 

नौ नौ मस गर्भ धर धायो

आखीर जीव बहुत दुःख पायो है

लीयो हरि को नाम

राम जब कीयो संभालो रे।1।

 

आय हरिजी वचन पुकारे

कहो जीवन काई दुःख थारे है

आना हो तो बार एक

 मेरा वचन पालो रे ।2।

 

पहला हरि का नाम पुकारो

दुजी दिल में दया विचारो

दसवो हीसो काढ़ कर

खजाने रालो रे ।3।

 

आय हरिजी वचन जेलाया

जब वचन मनवा हरसाया

शंकर नाथ परमारथ कारण

बायर चालो रे ।4।

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