भक्ति को फल उचार सुणज्यों
कोई भुलो मती ।टेर।
नावे धोवे पाठ वृत करता
जाय हरि के मन्दिर पग धरता
जॉको उच्च कुल अवतार
मुख पर सोवे रूप अती ।1।
धन बाटे तो धन फल पावे
धरा अपरे नाम कमावे
नरसी ने किया विचार
जाके मायरो भरयो अती ।2।
ज्वालामुखी जपे जत प्राणी
जाय जगन में धरणी माणी
पार्वजन्म जरूर राजा की
पदणी मिले अती ।3।
धावे धूम करे गुरु सेवा
जीवत भोगे मिश्री मेवा
भरीया ही मोक्ष हो जाय
वाकी चोरासी की छुटे गती ।4।
गोपीनाथ मिलया गुरू देवा
शंकर नाथ करे गुरु सेवा
सतगुरु ने सोर पर धार
और आसरो लेवो मती ।5।
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