फकीरी ओम नाम आधार हो जावे भव जल पार fakiri om naam aadhar likhma ji mali bhajan lyrics

 

लखमाजी की महिमा ने,

जाणे नर और नार।

अमरापुर में जनम लियो जी,

जिला कहिये नागौर॥1॥

 

फकीरी ओम नाम आधार,

साधू सन्‍त की महिमा सुणलो,

हो जावे भव जल पार॥टेर॥

 

बागवान परिवार में,

गोत सोलंकी धार,

पिता कहिये रामूदासजी,

गुरू खीवण दातार॥2॥

 

संवत 1807 की,

गुरू पूनम शुभ वार।

लखमीरामजी नाम धरायो,

आप लियो अवतार॥3॥

 

रामदेव महाराज की,

भक्ति को आधार।

मुसलमानों के मन नहीं भावे,

पूजा छूड़ावे आर॥4॥

 

डेह गांव में जावता,

गुरू चरणा चित धार।

जंगल माही देख अकेलो,

लेवो माली ने मार॥5॥

 

लारे-लारे दौड़ता,

रिया दूर का दूर।

घोड़ो पर चढ़ आविया जी,

पकडियो न जावे सूर॥6॥

 

हार मान कर बोलिया,

कहवो जीमे तैयार।

गांव बासणी मांयने जी,

बणा लियो घरबार॥7॥

 

जुंजाला सतसंग में जाता,

गाड़ी रूकी मझधार।

खेजड़ी की पूठी बणाई रामदे,

गाड़ी कीदी तैयार॥8॥

 

सूखा बाग ने हरियो कीदो,

जैसलमेर पधार।

बेटा जिवाया रींकजी का,

हाेवे जय जयकार॥9॥

 

जुंजाला मन्‍दर की,

हो रही मारम्‍मार।

बिना कूंच्‍या के तालो खोल्‍यो,

सहाय करी करतार॥10॥

 

पाणत करता छोड़ के,

चाल्‍या सतसंग द्वार।

किरपा कीदी रामदेवजी,

पाणी को नहीं पार॥12॥

 

संवत 1887 की,

आसोज बुदी छठ वार।

80 वर्ष की उम्र में,

जिवत समाधि धार॥13॥

 

महिमा लखमीराम की,

गावे नर और नार।

भैरू लाल यू कहे,

हो जावे बेड़ा पार॥14॥

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