प्रीत गुरा री भली रावलिया जोगी preet gura ri bhali ravaliya jogi bhajan lyrics

दोहा:: रामचंद्र से कौन बड़े,वे भी गुरूगम कीन।

तीन लोक के वे धणी,गुरू आगे आधीन ।।


प्रीत गुरा री भली,

रावलिया जोगी प्रीत गुरा री भली।।टेर।।


लवना रे लागी जारी भरमना भागी,
सुरत शबद में मिली रे।
रावलिया जोगी प्रीत गुरा री भली।।1।।

चेतन होय नर सुमिरण करणा रे,
तार से तार मिलि रे।
रावलिया जोगी प्रीत गुरा री भली।।2।।

अडा रे उड़द बीच मण्‍डी रे बजारा रे,
सोहम जोत जगी रे।
रावलिया जोगी प्रीत गुरा री भली।।3।।

चचंलनाथ शरणे लूमनाथ बोले,
संगत संतो री भली रे।
रावलिया जोगी प्रीत गुरा री भली।।4।।



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