संत उलट घर थाया गरूजी रा चरण परस पद पाया sant ulat ghar thaya guruji ra charan paras pad paya

 

संत उलट घर थाया।

गरूजी रा चरण परस पद पाया,

मिट गई भूल समझ आई सोजी।।टेर।।

 

जग सावन में भूल्‍या फिरता,

गूगल गोली चलाया।

बागा मिरगी सतगरू मिलिया,

सोहं पुष्‍प सुंघाया।।1।।

 

सिंह सतगरू उपदेश बताया,

सत स्‍वरूप ओलखाया।

भर्म का नीर छुडाया सतगरू,

सुख सागर में झुलाया।।2।।

 

परेवा पलट हंस कर लीना,

निज मोती नांव चुगाया।

पारस से पारस नहीं होता,

लोह कंचन पलटाया।।3।।

 

सतगरू लोय आप समान ज्‍यू,

अगनी काष्‍ठ जलाया।

गुरू का चरण सबद गह खोज्‍या,

संत बचन समझाया।।4।।

 

धनसुखराम मिल्‍या गुरू सांचा,

चेतन ब्रह्म लखाया।

इशर राम सोहं सत जाण्‍या,

अविचल अखे अजाया।।5।।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

जल ज‌इयो जिह्वा पापनी राम के नाम बिना रे JAL JAIYO JIVHA PAPNI RAM KE NAAM BINA RE

राम के नाम बिना रे मूरख  राम के नाम बिना रे, जल ज‌इयो जिह्वा पापनी, राम के नाम बिना रे ।।टेर।। क्षत्रिय आन बिना, विप्र ज्ञाण बिना, भोजन मान ...