आज सखी मारे रंगरली है।
रंगरली है मारे भाग भली है ।।टेर।।
सोना को सूरज ऊगो मारी सजना ए।
सतगरू आये मारी गली है।।1।।
धन धन भाग माने दरसण दीदा।
मुखड़ो नरखत मारी खुलगी कली है।।2।।
दरसण पाया पाप हटाया।
सतगरू मिलग्या दबद्या दूर खड़ी है।।3।।
अचलूराम सतगरू की कृपा से।
आज सभी मारे बात भली है।।4।।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें