थने रोकण वालो नाय,
थने बरजण वालो नाय,
पूरण होजा मारी हेली ये।।टेर।।
पेली पहल तो दही जमाया,
पछे दुहाड़ी गाय।
बचल्यो गऊ का पेट में,
घीरत हाटा जाय।।1।।
पहली नर तो मैं जनमियो,
पछे बढ़ोड़ा भाई।
धाम धूम में पिता जनम्या,
पछे जनमी माय।।2।।
हल हाला चू डूगरा,
बेल्या गऊ के पेट।
हाली हीन्दे पालणे,
बीज खेत के माय।।3।।
इण्डा बोलता में सुण्या,
बच्या बोलता नाय।
गगन मण्डल के बैठ झरोखे,
दास कबीरा गाय।।4।।
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