मूरख ने कैसे कह समझावे murakh ne kaise kah samjave bhajan lyrics


 

घड़ी घड़ी समझाय देख लो,

पहर पहर पलटाय देख लो।

उल्‍टो धणी में आवे,

मूरख ने कैसे कह समझावे।।टेर।।

 

नेना बोतड़ा ने माल चरावे,

झीणी चाल चलावे।

ज्‍यूं खावे ज्‍यूं मद पर आवे,

खुद धणी ने खावे।।1।।

 

ऊसर में खेत में बीज मत भावो,

गाड़ी भर कई लावो।

बोवो बीज बरस के टोटे,

कण बना कई लटावो।।2।।


स्‍वान के पूंछ में तेल लगावो,

ताते ताव तपावे।

बारा बारा बरस सल्‍ला हेटे राखे,

अन्‍त ऐब नहीं जावे।।3।।

 

डोडो नाले बाडो जांके,

डरहर डिया बतावे।

गाल फूलान धणी पर आवे,

एक ठोकर में ले जावे।।4।।

 

टोला के कारीगर लागो,

सूत बैत नत लावे।

ज्‍यूं देवे ज्‍यूं चटका उछले,

टाकला को नाश गमावे।।5।।

 

पदमगरू परवाणी मल्‍या,

लाडूजी सेण बतावे।

गुजर गरीबो कनीरामजीकेवे,

सावळ लेन समझावे।।6।।

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