मेरी
सोई आतमा जागी,
अंधियारी
भरमना भागी।
धीरे
धीरे राम लव लागी जी,
मेरा
भंवरा हुआ बेरागी ।।टेर।।
मैने
देखा सकल पसारा,
दुनिया
से हुआ हूं न्यारा।
दुनिया
की रीत सब देखी,
प्रीत
मारी मोह माया ने त्यागी ।।1।।
कोई
पांच तत्व ने गावे,
कोई
त्रिकुटी नाथ तनावे।
रेशम
की राख हो गई खाक,
मेरी
रोम रोम लव लागी ।।2।।
किया
ऐसा जादू टोना,
आज
माटी बनाया सोना।
कहत
कबीर गावे,
प्रभु
भजन बिना नहीं पावे ।।3।।
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