जपो क्यूं ना राधेकृष्णा,
फेर पछतावोगे।।टेर।।
जिसने तुमको जन्म दिया,
याद कबहूं ना किया।
ऐसी नर देह बन्दा,
फेर नहीं पावोगे।।1।।
त्रिया और कुटम्ब के ताई,
रात दिन भाग्यो डोले।
संग ना चलेगा कोई,
भरम गमावोगे।।2।।
जमदूत लेने आवे,
कोई ना छुड़ाने पावे।
पूछेगा हिसाब प्यारे,
क्या बतलावोगे।।3।।
नाम के जपे से बन्दा,
छूटत चौरासी फन्दा।
सूर के किशोर स्वामी,
फेर नहीं आवोगे।।4।।
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