जामर जोळो गणो भावे,
भोपाजी भाव कठिनू आवे।।टेर।।
माल मळीदा बणे चूरमा,
औरी नारेल मंगावे।
नारेल फोड़ काछली चढ़ावे,
गोळा ने गटकावे।।1।।
शिर ने हला अंग ने धूजावे,
भाव गणो बतावे।
धाकल कर उठ्यो भोपो,
मूरत ने आंख बतावे।।2।।
आया थावर देवरे जावे,
सपड़बो मन नहीं भावे।
धूप चढ़ा पूजा करे,
सांकल ने गणी गुमावे।।3।।
पदमगरू परवाणी मल्या,
लाडूजी सेण बतावे।
गुजर गरीबो ‘कनीरामजी’ बोले,
दुनिया ने भाव रिजावे।।4।।
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