भायां की संग में रेण दन रमणो,
धर्म नजारी धाया।
अधर धार पर अंजन हाले,
इण विध हालो भायां।।टेर।।
गरू अंग्रेजी ने गेला बताया,
अटक भटक मेटाया।
ऊंच नींच का भांग आंतरा,
एक लेण पर लाया।।1।।
दे दरबीणी सीध मलाई,
सपा बरोबर लाया।
तीन त्राप बैठकर अंजन,
मलकर भार उठाया।।2।।
बगड्या मन के बन्दा नाक्या,
जोलम जोल मेटाया।
सुधर्या मन के जोल कोयने,
पाल बन्दा न छाया।।3।।
बहन भाई मलकर टेशण आया,
बाबूजी बतलाया।
अमरापुर का टिकट कटाया,
चेला ने चेताया।।4।।
अंजन करे जो डब्बा करे,
पार न लगे भायां।
काट सायब गाड़ी का मालक,
डब्बो पाछलो पाया।।5।।
पदमगरू परवाणी मलग्या,
लाडूजी सेण बताया।
गुजर गरीबो ‘कनीरामजी’ केवे,
गुण गाड़ी का गाया।।6।।
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