और दुनिया ने लागे किरायो,
दाम दे गाड़ी पाया।
भरला हरिजन पास कटाया,
मैसूल नाम मिटाया।।टेर।।
सतगरू सायब गादी पर आया,
आसण खूब जमाया।
धूप दीप कर करी आरती,
कायम कलश पुराया।।1।।
सतगरू सायब टेशन पर आया,
टिकट खूब कटाया।
भूखा तस्या बोहत सुख पाया।
धर्म लेण में आया।।2।।
करणी के टांके टिकट बांटे,
शक्ति ने मोती चढ़ाया।
दूं हाथ लेणा दूं हाथ देणा,
हाथ्यों हाथ जेलाया।।3।।
कमती बदी दबद्या की नन्दी,
पोखर पाज बंधाया।
सहजा सुन्दर गाड़ी मलगी,
पड़दे आसण धाया।।4।।
पदमगरू परवाणी मल्ग्या,
लाडूजी सेण बताया।
गुजर गरीबो ‘कनीरामजी’ केवे,
मैसूल नाम मिटाया।।5।।
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