आत्‍म हो आप रूप धर आया aatm ho aap roop dhar aaya bhajan lyrics



आत्‍म हो आप रूप धर आया।

सतगरू सिमरथ होय पार जद पाया।।टेर।।

 

है काया को रूप,रूप सब माया।

सतगरू मल्‍या जदी पार पाया।।1।।

 

प्रेम बना नहीं ढोड़ मारग अटकाया।

थक्‍या जो थर नहीं करम लटकाया।।2।।

 

धर्म बना नही ढोड़ मुक्‍त नही पाया।

भटक भटक मर जाय पार न आया।।3।।

 

मल्‍या मछन्‍द्रनाथ दर्शण वे पाया।

गरू चरणां में आय गोरख गुण गाया।।4।।

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