दया करी मेरे सतगुरु दाता,
गेला बताया मुक्ति का,
साधू भाई काम कठिन भक्ति का ।।टेर।।
सांपड़ झूल न शोभा बतावे,
लाम्बा काड़े टीका।
दया धरम थारा घट में कोयने,
रटे नही नाम हरि का ।।1।।
धरम करता ने आवे धूूजणी,
पाप कमाबा ने तीखा ।
सेवा न साजे पूंगल ज्यूं गाजे,
धुपे नहीं पाप उसी का ।।2।।
अन्न का दान अफरता न जावे,
भर लेणा भार मती का।
दया धर्म नेे पल मांय पूजो,
जोगाराम जुगती का ।।3।।
सुता सुवा ने चेतन कीदो,
आलस उड़ाया अबती का।
गुजर गरीबीऊ ''कनीराम'' बोले,
हेग्या राज उसी का ।।4।।
संत कनीराम जी के भजन
जवाब देंहटाएंअति उत्तम
जवाब देंहटाएंSupar🌹
जवाब देंहटाएं😘
जवाब देंहटाएंमस्त
जवाब देंहटाएंयह किताब सारी मेरे को चाहिए
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