साधु भाई अबगत लख्‍यो न जाई sadhu bhai abgat lakhyo na jai bhajan lyrics



मेरे साधु भाई अबगत लख्‍यो न जाई,

अबगत लिखे कोई संत सूरमा,

नूर में नूर समाई ।।टेर।।


जैसे चांद उदक में दरशे,

यूं सायब सब मांही।

ले चस्‍मा घट भीतर देख्‍या,

नूर निरन्‍तर वाही ।।1।।


दूर ते दूर उरे ते उरा,

हर हरदा के मांही।

सपना में नार गमायो बालक,

जाग पड़ी जद वाही ।।2।।


जागी जोत गगन में दरसे,

जहां देखूं जहां सांई।

ऊगा भाण बीत गई रजनी,

हरदम अन्‍दर माई ।।3।।


ममता मेट मिलो मोहन से,

सतगरु से गम पाई।

कहे ''बनानाथ'' सुणो भाई साधू,

अब कुछ धोखा नाही ।।4।।



 

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