आई सावण की तीज देखो,
आई सावण की तीज रे।
सहेल्या पाणी निसरी,
सरवर पे रे जी।।1।।
ओढियो दखणी को चीर कामणी,
ओढियो दखणी को चीर रे।
कोई घेर घुमालो घाघरो,
खातण के जी रे।।2।।
बिन्दली तपे ललाट खातण के,
बिन्दली तपे ललाट रे।
होठां पे हिंगलू ढुल रियो,
खातण के रे जी।।3।।
हाथां में हथफूल खातण के,
हाथां में हथफूल रे।
नकल्या पर मेहन्दी राचणी,
खातण के रे जी।।4।।
अब लियो बेवड़ो हाथ कामणी,
लियो बेवड़ो हाथ रे।
पगल्या मे पायल बाजणी,
खातण के रे जी।।5।।
सबसूं मीठो बोल भाईड़ा,
सबसूं मीठो बोल।
दुनियां में थोड़ो जीवणो,
भाईड़ा रे जी।।टेर।।
मूंडो मती बताय कामणी,
मूंडो मती बताय रे।
थारा सुगन न होवे सांतरा,
दुनिया में रे जी।।6।।
सिणगारा में धूल कामणी,
सिणगारा में धूल रे।
थू जनम दुखियारी बांजड़ी,
दुनिया मे रे जी।।7।।
लाग्यो काळजे तीर खातण के,
लाग्यो काळजे तीर रे।
अब घड़ो बेवड़ो फोडियो,
परघट पे रे जी।।8।।
लीदी अडूणी हाथ कामणी,
लीदी अडूणी हाथ रे।
अब सीधा घरां ने चालिया,
खातण जी रे जी।।9।।
कहे मनड़े की बात कामणी,
कहे मनड़े की बात रे।
आंख्या में आंसू क्यूं पड़े,
गोरी के रे जी।।10।।
कुण थाने बोल्या बोल कामणी,
कुण थाने बोल्या बोल
रे।
कुण थाने मोसा मारिया,
परघट पे रे जी।।11।।
नन्दीया छारो लोग देश में,
नन्दीया छारो लोग रे।
अठे कामण घाली कामण्या,
नगरी में रे जी।।12।।
लियो बसोलो हाथ करीगर,
लियो बसोलो हाथ रे।
बागा रे मारग निसरिया,
कारीगर रे जी।।13।।
थू ही धरम को बीर मालीजी,
थू ही धरम को बीर रे।
बागा री खडक्या खोल दे,
माली जी रे।।14।।
के मनड़ा की बात मालीजी,
के मनड़ा की बात रे।
बागां में कई कई नीपजे,
मालीजी रे।।15।।
निपजे दाड़म दाख कारीगर,
निपजे दाड़म दाख रे।
कोई चम्पो चमेली केवड़ो,
बागां में रे जी।।16।।
निपजे फूल गुलाब कारीगर,
निपजे फूल गुलाब रे।
कोई चन्दन निपजे बावन्यो,
बागां में रे जी।।17।।
कह दे चन्दन को मोल मालीजी,
कह दे चन्दन को माल
रे।
थे कतरा लो ला रोकड़ा,
मालीजी रे।।18।।
डाला रा पचास कारीगर,
डाला रा पचास रे।
पेंडी रा लागे डोड सौ,
कारीगर रे जी।।19।।
बेगोई डालो कटाय मालीजी,
बेगोई डालो कटाय रे।
लो रूपया गण लो रोकड़ा,
मालीजी रे।।20।।
सूती व्हे तो जाग गोरड़ी,
सूती व्हे तो जाग रे।
मैं चन्दन लायो बावन्यो,
बागां मू रे जी।।21।।
सुण मारा समचार बेनड़ी,
सुण मारा समचार रे।
साधा ने पाणी पायदे,
बेनड़ली रे जी।।22।।
बेगो पाणी पाय बेन थू,
बेगो पाणी पाय रे।
मैं चाल्यो आयो दूर से,
साधूड़ो रे जी।।23।।
पड़े तावड़ा की धूप बेनड़ी,
पड़े तावड़ा की धूप रे।
हंसलो कुमलावे धूप में,
बेनड़ली रे जी।।24।।
दीनी कला बरताय बाबजी,
दीनी कला बरताय रे।
ठमके सू या तो कूदगी,
आल्या मू रे जी।।25।।
सोना जारी हाथ बेनड़ी के,
सोना जारी हाथ रे।
साधां ने पाणी पा रिया,
लाडेसर रे जी।।26।।
काठियावाड़ का जैसल (7वा) भाभी ने केेेवे
दोहा: जैसल जीमण बेठिया तो केश मूंडा के मांय।
शिर साटे मैं धन लावा जाने राड़ा देवे गमाय।।
लीदी तरवार्या हाथ धाड़वी,
लीदी तरवार्या हाथ रे।
कोई सोवन कटारो कमरियां में,
जैसल के रे जी।।27।।
आयो विकट तूफान गांव में,
आयो विकट तूफान रे।
पणिहारियां मटका फोडिया,
परगट पे रे जी।।28।।
सामी मलगी सांड भूरड़ी,
सामी मलगी सांड रे।
जिण पर बैठो बाणियो,
लूटूलां रे जी।।29।।
देख्यो नजर पसार सेठ ने,
देख्यो नजर पसार रे।
धड़के सू नीचे आ पडियो,
बाण्यो तो रे जी।।30।।
धन दौलत ले जाय धाड़वी,
धन दौलत ले जाय रे।
बाण्या ने जिन्दा छोड़ दे,
अन्दाता रे जी।।31।।
करणे लागो दान बाणियो,
करने लागो दान रे।
कोई साध बरामण जाणिया,
बाधण्या थू रे जी।।32।।
लेऊ मनख ने मार बाणिया,
लेऊ मनख ने मार रे।
मैं जैसल कहिये धाड़वी,
मान्योड़ो रे जी।।33।।
बोहरा जोवे बाट धाड़वी,
बोहरा जोवे बाट रे।
मारी काग उडावे कामण्या,
महलां में रे जी।।34।।
मारे बूढ़ा मायर बाप धाड़वी,
बूढ़ा मायर बाप रे।
मारे नेना नेना टाबर्या,
नगरी में रे जी।।35।।
करणे लागो याद बाणियो,
करने लागो याद रे।
दरगा में हेलो साम्भलो,
दुरबल को रे जी।।36।।
काना पड़ी आवाज भगत की,
काना पड़ी आवाज रे।
चौपड़ में उल्टी मार दी,
दरगा में रे जी।।37।।
अब दीनी कला बरताय बाबजी,
दीनी कला बरताय रे।
जैसल ने आंधो कर दियो,
घोड़ालो रे।।38।।
अब के पाछो बोल घोड़ाला,
अब के पाछो बोल रे।
बोले तो बाथ्या भिड़ पडू,
बेरीड़ा रे जी।।39।।
पड़ग्यो घोड़ा के बीच धाड़वी,
पडियो घोड़ा के बीच रे।
या अगड़ पिछाड़ी दोड़गी,
घोडिया तो रे जी।।40।।
सिल्ला लोडी त्यार तोलादे,
सिल्ला लोडी त्यार
रे।
धीणो भावे तो तोड़दा,
गायां ने रे जी।।4।।
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