राजा में कैसी विपता पड़ी भजन लिरिक्‍स raja me kesi vipda padi bhajan lyrics


हां रे सजना सत को डिगायो राजा नल को रे।

बामण तो बण गयो छल को रे।

राजा में कैसी विपता पड़ी ।।टेर।।


विपता पड़ी राजा विक्रमादित्‍य में,

बण गया घोड़ा उड़ गया बन में।

चौरंग्‍या कर दिना छिन में,

हां रे सजना हार तो निगल गई खूंटी रे ।।1।।


विपता पड़ी एक हरिचंद दानी,

काशी में बिक गये तीनू प्राणी।

भंगी के घर भरियो पाणी,

हां रे सजना घड़ो न उचायो राणी जल को रे।।2।।


विपता पड़ी एक मोरधज राजा,

अपने कंवर को करोती से काटा।

राजा राणी खेचत आरा,

हां रे सजना आंसू न बहायो राणी जल को रे।।3।।


विपता पड़ी एक दशकंदर में,

लंका जला दी एक बन्‍दर ने।

राणी चढ़ गई दौड़ मन्‍दर में,

हां रे सजना नाश तो करायो अपणा कुल को रे।।4।।


दीपचन्‍द यूं हरि गुण गावे,

हरि चरणां में ध्‍यान लगावे।

सतसंग से पार हो जावे,

हां रे सजना राखो भरोसो ईश्‍वर को रे।।5।।




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