नेम धर्म का करो स्‍नान गीता रामायण बांचो nem dharm ka karo snaan Gita Ramayan bancho

 


नेम धर्म का करो स्‍नान,

गीता रामायण बांचो,

संता प्रेम बिना पंड काचो।।टेर।।

 

अडसठ तीरथ गरू चरणां में,

एक एक ने जांचों।

चारों खूंट में फरो भलाई,

यू कई मन में माचो।।1।।

 

नेनी मती का कपड़ा रंगा लो,

भेख बणालो सांचो।

आसण मारो उल्‍टा लटको,

स्‍वांस शिखर में खांचो।।2।।

 

पेटी ढोलक ताल तन्‍दूरा,

राग छतीसूं राचो।

दोनों हाथ में लेलो ताळा,

बांध घूंघरा नाचों।।3।।

 

जन्‍तर मन्‍तर जादू टोना,

और जंजीरा साजो।

ज्ञान बना गोता नहीं मटसी,

जनम धरेलो पाछो।।4।।

 

अब्‍यागत की सेवा करलो,

सबल धण्‍या ने जांचों।

कहे दानानाथगुराजी के शरणे,

डाकी भरेलो डावो।।5।।




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