चेला झूठो कुटम्ब परिवार,
दुनिया मतलब की।
मतलब की रे भाया मतलब की,
थू तो देख ले घरां ने जाय।
परीक्षा ले सबकी ।।टेर।।
वेदव्यास मुनि ने,
चेलो जयमुनि फरमाई।
मां बाप तरसता छोड़,
बिलखती दीनी छोड़ लुगाई।।
मैं तो घर जाऊला अबार,
दुनिया मतलब की।।1।।
जा रे चूला जयमुनि,
थू मत ना होय उदास।
परीक्षा लीजे जाय,
चढ़ा कपाली में सांस।।
मच जासी हाहाकार,
दुनिया मतलब की।।2।।
मां बाप लुगाई थारे तांई,
रूदन गणो ही करसी।
तीनां माऊ देख,
देख थारे साथ कुण मरसी।।
देखां कुण को ज्यादा प्यार,
दुनिया मतलब की।।3।।
खुसी हिया मां बाप कुटम्ब का,
बैठ गया सब पास।
कियो गुरू ने याद,
चढ़ायो कपाली में सांस।।
घर का मेली जोर की भार,
दुनिया मतलब की।।4।।
भीख मांगबा आया बाबाजी,
यो कांई को रोळो।
मारो कियो मानो तो,
मैं जिन्दा कर दू बोलो।।
मने दूध को कटोरो दो रे लार,
दुनिया मतलब की।।5।।
बाप ने बुलायो,
थारी देऊ मेट उदासी।
पी जा दूध को कटोरो,
इने पीतां ही मरजासी।।
बेटो जिन्दा हो जाय अबार,
दुनिया मतलब की।।6।।
मरबा की सुण नाव,
डोकरो कोठी पाछे भाग्यो।
ई बेटा का साथ मायने,
मैं क्यू मरबा लागो।।
वो बेठो रे गुस्सो खार,
दुनिया मतलब की।।7।।
अब लड़का की माताजी ने,
वो बाबोजी बुलवाई।
पी जा दूध को कटोरो,
इने पीता ही मर जाई।।
वाने दस्त लगी रे भरमार,
दुनिया मतलब की।।8।।
पति जिन्दो हो जाय,
थने मुक्ति पद मल जासी।
पी जा दूध को कटोरो,
इने पीता ही मर जासी।।
दूजो कर लू ली रे घरबार,
दुनिया मतलब की।।9।।
में पी जाऊ दूध,
अब आ जावो घर का सारा।
भली करे भगवान,
वा बाबाजी प्यारा।।
मांका बेटा ने जाज्यो रे जीवार,
दुनिया मतलब की।।10।।
बाबाजी पीग्या दूध,
झट चेला ने हेग्यो चेत।
देख लियो रे जयमुनि,
थारा सब घरकां को हेत।।
अब चाले ने मावली लार,
दुनिया मतलब की।।11।।
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