काया भाव खिणाई मेरे दाता kaya bhav khinai mere data upar art mandaya



काया भाव खिणाई मेरे दाता,

ऊपर अर्ट मंडाया।

घडिया घाट बन्‍दी घट माला,

बंक नाल उलटाया।।टेर।।


थारे मायला भज मालिक ने,

माली थारी बाड़ी में बैठा छतीस।

बीज एक बोह्यो,

माली बड़ी मुगत रो दाता।।1।।


नेम धरम दोय धोरी जूता,

निर्मल नीर हलाया।

प्रेम पुरुष पाणतियो,

थिरप्‍यो  नवे मास निप जाया।।2।।


रामे माली बाग लगायो,

लख चौरासी क्‍यारी।

बेेल एक ज्‍यांरे फूल दोय लागा,

रचना न्‍यारी न्‍यारी।।3।।


भाग्‍यवान बाड़ी रो भंवरो ,

कली कली रस लेता।

गुरु खिंवजी ''माली लिखमो'' बोले,

गंगा गरीबी नहाता।।4।।


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

जल ज‌इयो जिह्वा पापनी राम के नाम बिना रे JAL JAIYO JIVHA PAPNI RAM KE NAAM BINA RE

राम के नाम बिना रे मूरख  राम के नाम बिना रे, जल ज‌इयो जिह्वा पापनी, राम के नाम बिना रे ।।टेर।। क्षत्रिय आन बिना, विप्र ज्ञाण बिना, भोजन मान ...