हरदम लो निज नाम निवालो hardam lo nij naam nivalo nahi kacho nahi



हरदम लो निज नाम निवालो,

नहीं काचो नहींं कोरो कहिये, 

नहीं सूखो नहीं आलो।।टेर।।


लियो निवालो भूख भागसी,

प्‍यास हुवे जल पीलो।

खेचों स्‍वासां मारो चिमकी,

सेजां हीरा पोयलो।।1।।


सात समन्‍दर भर्या काया में,

अठै बैठा नहायलो।

त्रिग दाग थारी देई में,

तीरां बैठ छुड़ायलो।।2।।


आसोजां री मोती निपजे,

सीपां बून्‍द जमायलो।

इण समुन्‍द्र रे कितरी पेड़ी,

गुरुगम से गिणवायलो।।3।।


असल नकल रा धोखा हुवे तो,

सन्‍तां में परखायलो।

पकड़ संडासी धरा ऐरण पर,

धणकी चोट लगायलो।।4।।


इडा पिंगला साज सुखमणा,

सुखमण सेेज बिछायलो।

कहे ''लिखमा'' भगवत री कृपा,

सुन में ध्‍यान लगायलो।।5।। 

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