9 नागल ने शुद्ध कर देखो अवतारा विश्राम लिया 9 nagal ne sudh kar dekho avtara vishram liya

 नो नागल ने शुद्ध कर देखो

अवतारा विश्राम लिया ।

रावत भोज के घरे पधारीया

साडु जी सरा लिया हो जी ॥ 1 

 

देव पुरी सु देव पधारीया

गोटा में गमसाण की किया ।

मथरा डुंगरीया आई माता

हीरा ने संग में किया हो जी ॥2


माघ का महिना पक्ष चानणा

साते शनिश्चर वार लिया ।

काकर फुटी कंवल पारसीया

भड़ जतरा बेतार किया हो जी ॥3

 

माता साड करे आरती

धन-धन धर्म उदये विया ।

भोज की भक्ती के कारण

कृष्ण का पत्र लिया हो जी ॥4

 

माला घर में आप पधारीया

सीन्धु भड़ विश्राम लिया ।

चोसु भाट ने जीवन किदा

गुजरी बनी को तार लिया हो जी ॥5

 

आधर धोवतीया तपे आपके

तलेटी स्नान किया ।

हमीर सि‍ह ने परचों दीदो

सारंग ने सरजीव किया हो जी ॥6

 

छ भागी भुण मदन मेन्दुजी

पांचवा उदल नाम विया ।

पांच भाया मल थापी थापना

धरा परे अमर नाम किया हो जी ॥7

 

अनेका ने आगे उबारीया

जुग-जुग परचा पातरीया ।

शंकर नाथ के आओ आरोध्या

कलयुग में शरण लिया ओ जी ॥8

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