आओ भाई सब मिल बोलो राम राम राम।।टेर।।
गर्भवास में कोल किया था,
सिवरूंगा यह बोल दिया था।
बाहर आकर भूल्यो,
हरि का नाम नाम नाम।।1।।
मात पिता बंधु सुत दारा,
स्वार्थ है जब लगता प्यारा।
बात न पूछे कोय,
हो जावे बेकाम काम काम।।2।।
जिसके खातिर पाप कमावे,
धरणी धन यही रह जावे।
देख नजर कर ,
संग न चाले ताम ताम ताम।।3।।
समय अमोलक बीता जावे,
बार बार नर देह नहीं पावे।
सुफल बना सुमरन कर,
आठो याम याम याम।।4।।
सत करमा की पूंजी करले,
राम नाम की बालद भर ले।
जिब्या तेरे बस की,
न लागे दाम दाम दाम।।5।।
भक्ति भाव की नांव बणाले,
सत्य धर्म केवट बैठाले।
देवकीनन्दन जाना जो,
निज धाम धाम धाम।।6।।
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