ओछी संगत नहीं बैठनो ये मारी हेली ये,
कुण देला आदर भाव हेली ये।।टेर।।
नाडा समदर के गणो आंतरो ये मारी हेली।
नाडा भरिये भादरवे सुस जाय मारी हेली ये।।1।।
हंसा बगला के गणो आंतरो ये मारी हेली।
हंसा सागरिया रे माय हेली ये।।2।।
कागा कोयल के गणो आंतरो ये मारी हेली।
कागा बोले वो कड़वा बोल हेली ये।।3।।
नुगरा सुगरा के गणो आंतरो ये मारी हेली।
नुगरा ले जावे नरका माय हेली ये।।4।।
कांटा केला के गणो आंतरो ये मारी हेली।
कांटो केला ने खाय हेली ये।।5।।
बोल्या कबीरा धर्मीदास ने ये मारा।
आयोड़ा संता ने आदर भाव।।6।।
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