हीरो हाथ में आयो रे अब तो मूरख चेत hiro haath me aayo re ab to murakh chet

 


हीरो हाथ में आयो रे,

अब तो मूरख चेत।।टेर।।

 

हीरा की बाळद आई,

या मूरख ने गम नाई।

घाल गोफण में भायी रे,

चडिया चुगगी खेत।।1।।

 

हीरा की बाळद आई,

कोइ आन्‍दा ने गम नाई।

भर भर धोबो भायो रे,

ज्‍यूं नदिया को रेत।।2।।

 

हीरा की बाळद आई,

कोई जवरी ने ओलखाई।

जाण पड़ी जद रोई रे,

गोडा माथो टेक।।3।।

 

गरू की महिमा गावे,

बना नाम काम नहीं आवे।

जां ने चेतन भारती गावे।।4।।

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