हां रे फेशन छोड़ दो,
ई फेशन के पाछे थाकी इज्जत जावे रे।।टेर।।
मूंछाला मरदा थाकी मूंछ्या कठे गमाई रे।
सूता बैठा या कई थाके मन में आई रे।।1।।
देशी हजामत नहीं सुहावे ओही अचाम्भो आवे रे।
हेयर कटिंग सेलून में जा बाल कटावे रे।।2।।
ब्रह्मी आंवला तेल डालकर डोडी मांग झुकाई रे।
मर्दपणा की बात आज थे सभी गमाई रे।।3।।
ऊबा मूत्या स्वाई मूत न आवे हिन्दू धर्म लजायो
रे।
गाय बेंचकर विलायत से कुत्तो ल्यायो रे।।4।।
घर में तो रोटी न भावे आहिज आदत खोटी रे।
होटल में जा खाणो खावे डबल रोटी रे।।5।।
माय बाप को काण कायदो ऊंचो मेल्यो खूंट्या रे।
मूंडा मे सिगरेटा राखे हिया फूटे रे।।6।।
सिनेमा नाटक में जाकर धन की धूल उडावे रे।
फेशन वाली लेडियो से हाथ मिलावे रे।।7।।
प्यारे लाल मन विप्र मेवाड़ी सांची बात बतावे रे।
कड़वी हो तो हाथ जोड़कर माफी चावे रे।।8।।
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