सन्ता बीज कहां से आया,
करो विचार साद विश्वासी,
सांचो सांच बलाया।।टेर।।
कौन बीज से इण्ड भन्या,
कौन बीज से पिण्ड रच्या।
कौन बीज से सिर मुख जडिया,
कौन बाट बरताया।।1।।
कितना मात पिता का कितना,
कितना शीतल छाया।
कितना स्वेत रगत है भेला,
कितना जुगत जावण जमाया।।2।।
क्या कहु, कुण मेरी माने,
अभीया एक उलझाया।
अभीया एक में कौनसा अच्छर,
कौन स्वरोदय आया।।3।।
बीज अमर घट घट में जडिया,
जरा मरण नहींआया।
''लिखमा'' भेद अचम्भो,
पाखण्डी नहीं पाया।।4।।
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